Shabad: Anath Nath Govind Gopal

Granth: Guru Granth Sahib| Raag: raag suhi | Writer: guru arjan dev ji | Also Available In: Amrit Kirtan | Poti Panna: 167

Granth: Guru Granth Sahib | Ang: 142 | Raag: Bilvaal Mahla 5 | Writer: Guru Angad Dev Ji | Also Available In: Sukhmani Sahib | Ashtpadi: 22 | Paudi: 8

  • ਸੂਹੀ ਮਹਲਾ ੫ ॥

    सूही महला ५ ॥

    Soohee Mehala 5 ||

    Soohee, Fifth Mehl:

  • ਮੇਰੇ ਸਾਹਿਬ ਤੂੰ ਮੈ ਮਾਣੁ ਨਿਮਾਣੀ ॥

    मेरे साहिब तूं मै माणु निमाणी ॥

    Maerae Sahib Thoon Mai Man Nimanee ||

    O my Lord and Master, You are the honor of the dishonored such as me.

  • ਤੁਧੁ ਚਿਤਿ ਆਏ ਮਹਾ ਅਨੰਦਾ ਜਿਸੁ ਵਿਸਰਹਿ ਸੋ ਮਰਿ ਜਾਏ ॥

    तुधु चिति आए महा अनंदा जिसु विसरहि सो मरि जाए ॥

    Thudhh Chith Aeae Meha Anandha Jis Visarehi So Mar Jaeae ||

    When You come to mind, I am totally in bliss. One who forgets You might just as well be dead.

  • ਦਇਆਲੁ ਹੋਵਹਿ ਜਿਸੁ ਊਪਰਿ ਕਰਤੇ ਸੋ ਤੁਧੁ ਸਦਾ ਧਿਆਏ ॥੧॥

    दइआलु होवहि जिसु ऊपरि करते सो तुधु सदा धिआए ॥१॥

    Dhaeial Hovehi Jis Oopar Karathae So Thudhh Sadha Dhhiaeae ||1||

    That being, whom You bless with Your Mercy, O Creator Lord, constantly meditates on You. ||1||

  • ਅਰਦਾਸਿ ਕਰੀ ਪ੍ਰਭ ਅਪਨੇ ਆਗੈ ਸੁਣਿ ਸੁਣਿ ਜੀਵਾ ਤੇਰੀ ਬਾਣੀ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥

    अरदासि करी प्रभ अपने आगै सुणि सुणि जीवा तेरी बाणी ॥१॥ रहाउ ॥

    Aradhas Karee Prabh Apanae Agai Sun Sun Jeeva Thaeree Banee ||1|| Rehao ||

    I offer my prayer to You, God; listening, listening to the Word of Your Bani, I live. ||1||Pause||

  • ਚਰਣ ਧੂੜਿ ਤੇਰੇ ਜਨ ਕੀ ਹੋਵਾ ਤੇਰੇ ਦਰਸਨ ਕਉ ਬਲਿ ਜਾਈ ॥

    चरण धूड़ि तेरे जन की होवा तेरे दरसन कउ बलि जाई ॥

    Charan Dhhoorr Thaerae Jan Kee Hova Thaerae Dharasan Ko Bal Jaee ||

    May I become the dust of the feet of Your humble servants. I am a sacrifice to the Blessed Vision of Your Darshan

  • ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਬਚਨ ਰਿਦੈ ਉਰਿ ਧਾਰੀ ਤਉ ਕਿਰਪਾ ਤੇ ਸੰਗੁ ਪਾਈ ॥੨॥

    अंम्रित बचन रिदै उरि धारी तउ किरपा ते संगु पाई ॥२॥

    Anmrith Bachan Ridhai Our Dhharee Tho Kirapa Thae Sang Paee ||2||

    I enshrine Your Ambrosial Word within my heart. By Your Grace, I have found the Company of the Holy. ||2||

  • ਅੰਤਰ ਕੀ ਗਤਿ ਤੁਧੁ ਪਹਿ ਸਾਰੀ ਤੁਧੁ ਜੇਵਡੁ ਅਵਰੁ ਨ ਕੋਈ ॥

    अंतर की गति तुधु पहि सारी तुधु जेवडु अवरु न कोई ॥

    Anthar Kee Gath Thudhh Pehi Saree Thudhh Jaevadd Avar N Koee ||

    I place the state of my inner being before You; there is no other as great as You.

  • ਜਿਸ ਨੋ ਲਾਇ ਲੈਹਿ ਸੋ ਲਾਗੈ ਭਗਤੁ ਤੁਹਾਰਾ ਸੋਈ ॥੩॥

    जिस नो लाइ लैहि सो लागै भगतु तुहारा सोई ॥३॥

    Jis No Lae Laihi So Lagai Bhagath Thuhara Soee ||3||

    He alone is attached, whom You attach; he alone is Your devotee. ||3||

  • ਦੁਇ ਕਰ ਜੋੜਿ ਮਾਗਉ ਇਕੁ ਦਾਨਾ ਸਾਹਿਬਿ ਤੁਠੈ ਪਾਵਾ ॥

    दुइ कर जोड़ि मागउ इकु दाना साहिबि तुठै पावा ॥

    Dhue Kar Jorr Mago Eik Dhana Sahib Thuthai Pava ||

    With my palms pressed together, I beg for this one gift; O my Lord and Master, if it pleases You, I shall obtain it.

  • ਸਾਸਿ ਸਾਸਿ ਨਾਨਕੁ ਆਰਾਧੇ ਆਠ ਪਹਰ ਗੁਣ ਗਾਵਾ ॥੪॥੯॥੫੬॥

    सासि सासि नानकु आराधे आठ पहर गुण गावा ॥४॥९॥५६॥

    Sas Sas Naanak Aradhhae Ath Pehar Gun Gava ||4||9||56||

    सासि सासि नानकु आराधे आठ पहर गुण गावा ॥४॥९॥५६॥

    Shabad: Khhalasa Maero Roop Hai Khhas

    Granth: Guru Granth Sahib| Writer: guru gobind singh ji | Also Available In: Amrit Kirtan | Poti Panna: 291

  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਦੇਹ ਅਰ ਸਾਹ ॥

    ख़ालसा मेरो देह अर साह ॥

    Khhalasa Maero Dhaeh Ar Sah ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਭੇਦ ਨਿਜ ਮਰਮ ॥

    ख़ालसा मेरो भेद निज मरम ॥

    Khhalasa Maero Bhaedh Nij Maram ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਸੱਜਨ ਸੂਰਾ ॥

    ख़ालसा मेरो सॱजन सूरा ॥

    Khhalasa Maero Sajan Soora ||

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  • ਖ਼ਾਲਸੇ ਕਾ ਹੋ ਧਰੋ ਧਿਆਨ ॥

    ख़ालसे का हो धरो धिआन ॥

    Khhalasae Ka Ho Dhharo Dhhian ||

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  • ਜਿਹਵਾ ਏਕ ਪਾਰ ਨਹਿ ਲਹੀ ॥

    जिहवा एक पार नहि लही ॥

    Jihava Eaek Par Nehi Lehee ||

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  • ਤਦਪ ਨ ਉਪਮਾ ਬਰਨਤ ਸੁਧ ॥

    तदप न उपमा बरनत सुध ॥

    Thadhap N Oupama Baranath Sudhh ||

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  • ਹੌ ਖ਼ਾਲਸੇ ਕੋ ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ॥

    हौ ख़ालसे को ख़ालसा मेरो ॥

    Ha Khhalasae Ko Khhalasa Maero ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਅਕਾਲ ਪੁਰਖ ਕੀ ਫ਼ੌਜ ॥

    ख़ालसा अकाल पुरख की फ़ौज ॥

    Khhalasa Akal Purakh Kee Aj ||

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  • ਜਬ ਲਗ ਖ਼ਾਲਸਾ ਰਹੇ ਨਿਆਰਾ ॥

    जब लग ख़ालसा रहे निआरा ॥

    Jab Lag Khhalasa Rehae Niara ||

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  • ਜਬ ਇਹ ਗਹੈ ਬਿਪਰਨ ਕੀ ਰੀਤ ॥

    जब इह गहै बिपरन की रीत ॥

    Jab Eih Gehai Biparan Kee Reeth ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੀ ਜਾਤ ਅਰ ਪਤ ॥

    ख़ालसा मेरी जात अर पत ॥

    Khhalasa Maeree Jath Ar Path ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਸੋ ਮਾ ਕੋ ਉਤਪਤ ॥

    ख़ालसा सो मा को उतपत ॥

    Khhalasa So Ma Ko Outhapath ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਭਵਨ ਭੰਡਾਰਾ ॥

    ख़ालसा मेरो भवन भंडारा ॥

    Khhalasa Maero Bhavan Bhanddara ||

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  • ਖ਼ਾਲਸੇ ਕਰ ਮੇਰੋ ਸਤਿਕਾਰਾ ॥

    ख़ालसे कर मेरो सतिकारा ॥

    Khhalasae Kar Maero Sathikara ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਬੰਧ ਸਖਾ ਸਦ ਡੀਲਾ ॥

    ख़ालसा बंध सखा सद डीला ॥

    Khhalasa Bandhh Sakha Sadh Ddeela ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਰੂਪ ਹੈ ਖ਼ਾਸ ॥

    ख़ालसा मेरो रूप है ख़ास ॥

    Khhalasa Maero Roop Hai Khhas ||

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  • ਖ਼ਾਲਸੇ ਮਹਿ ਹੌ ਕਰੌ ਨਿਵਾਸ ॥

    ख़ालसे महि हौ करौ निवास ॥

    Khhalasae Mehi Ha Kara Nivas ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਮੁਖ ਹੈ ਅੰਗਾ ॥

    ख़ालसा मेरो मुख है अंगा ॥

    Khhalasa Maero Mukh Hai Anga ||

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  • ਖ਼ਾਲਸੇ ਕੇ ਹੌਂ ਸਦ ਸਦ ਸੰਗਾ

    ख़ालसे के हौं सद सद संगा

    Khhalasae Kae Han Sadh Sadh Sanga

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਇਸ਼† ਸੁਹਿਰਦ ॥

    ख़ालसा मेरो इश† सुहिरद ॥

    Khhalasa Maero Eisht Suhiradh ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਕਹੀਅਤ ਬਿਰਦ ॥

    ख़ालसा मेरो कहीअत बिरद ॥

    Khhalasa Maero Keheeath Biradh ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਪਛ ਅਰ ਪਾਤਾ ॥

    ख़ालसा मेरो पछ अर पाता ॥

    Khhalasa Maero Pashh Ar Patha ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਸੁਖ ਅਹਿਲਾਦਾ ॥

    ख़ालसा मेरो सुख अहिलादा ॥

    Khhalasa Maero Sukh Ahiladha ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਮਿੱਤਰ ਸਖਾਈ ॥

    ख़ालसा मेरो मिॱतर सखाई ॥

    Khhalasa Maero Mthir Sakhaee ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮਾਤ ਪਿਤਾ ਸੁਖਦਾਈ ॥

    ख़ालसा मात पिता सुखदाई ॥

    Khhalasa Math Pitha Sukhadhaee ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੀ ਸੋਭਾ ਸੀਲਾ ॥

    ख़ालसा मेरी सोभा सीला ॥

    Khhalasa Maeree Sobha Seela ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਸ੍ਵਜਨ ਪ੍ਰਵਾਰਾ ॥

    ख़ालसा मेरो स्वजन प्रवारा ॥

    Khhalasa Maero Svajan Pravara ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਕਰਤ ਉਧਾਰਾ ॥

    ख़ालसा मेरो करत उधारा ॥

    Khhalasa Maero Karath Oudhhara ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਪਿੰਡ ਪਰਾਨ ॥

    ख़ालसा मेरो पिंड परान ॥

    |Khhalasa Maero Pindd Paran ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੀ ਜਾਨ ਕੀ ਜਾਨ ॥

    ख़ालसा मेरी जान की जान ॥

    Khhalasa Maeree Jan Kee Jan ||

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  • ਓਤ ਪੋਤਿ ਸਾਗਰ ਬੂੰਦੇਰੋ ॥

    ओत पोति सागर बूंदेरो ॥

    Outh Poth Sagar Boondhaero ||

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  • ਪ੍ਰਗਟਿਓ ਖ਼ਾਲਸਾ ਪ੍ਰਮਾਤਮ ਕੀ ਮੌਜ ॥

    प्रगटिओ ख़ालसा प्रमातम की मौज ॥

    Pragattiou Khhalasa Pramatham Kee Maj ||

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  • ਤਬ ਲਗ ਤੇਜ ਕੀਉ ਮੈਂ ਸਾਰਾ ॥

    तब लग तेज कीउ मैं सारा ॥

    Thab Lag Thaej Keeo Main Sara ||

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  • ਮੈਂ ਨ ਕਰੋਂ ਇਨ ਕੀ ਪ੍ਰਤੀਤ ॥

    मैं न करों इन की प्रतीत ॥

    Main N Karon Ein Kee Pratheeth ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਸਤਿਗੁਰ ਪੂਰਾ ॥

    ख़ालसा मेरो सतिगुर पूरा ॥

    Khhalasa Maero Sathigur Poora ||

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  • ਮਾਨ ਮਹਤ ਮੇਰੀ ਖ਼ਾਲਸਾ ਸਹੀ ॥

    मान महत मेरी ख़ालसा सही ॥

    Man Mehath Maeree Khhalasa Sehee ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਸ੍ਵਾਰਥ ਸਹੀ ॥

    ख़ालसा मेरो स्वारथ सही ॥

    Khhalasa Maero Svarathh Sehee ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਕਰੇ ਨਿਰਬਾਹ ॥

    ख़ालसा मेरो करे निरबाह ॥

    Khhalasa Maero Karae Nirabah ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਧਰਮ ਅਰ ਕਰਮ ॥

    ख़ालसा मेरो धरम अर करम ॥

    Khhalasa Maero Dhharam Ar Karam ||

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  • ਖ਼ਾਲਸਾ ਮੇਰੋ ਬੁਧ ਅਰ ਗਿਆਨ ॥

    ख़ालसा मेरो बुध अर गिआन ॥

    Khhalasa Maero Budhh Ar Gian ||

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  • ਉਪਮਾ ਖ਼ਾਲਸੇ ਜਾਤ ਨ ਕਹੀ ॥

    उपमा ख़ालसे जात न कही ॥

    Oupama Khhalasae Jath N Kehee ||

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  • ਸੇਸ ਰਸਨ ਸਾਰਦ ਸੀ ਬੁਧਿ ॥

    सेस रसन सारद सी बुधि ॥

    Saes Rasan Saradh See Budhh ||

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  • ਯਾ ਮੈ ਰੰਚ ਨ ਮਿਥਿਆ ਭਾਖੀ ॥

    या मै रंच न मिथिआ भाखी ॥

    Ya Mai Ranch N Mithhia Bhakhee ||

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  • ਪਾਰਬ੍ਰਹਮ ਗੁਰ ਨਾਨਕ ਸਾਖੀ ॥

    पारब्रहम गुर नानक साखी ॥

    Parabreham Gur Naanak Sakhee ||

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  • ਰੋਮ ਰੋਮ ਜੇ ਰਸਨਾ ਪਾਂਊ ॥

    रोम रोम जे रसना पांऊ ॥

    Rom Rom Jae Rasana Panoo ||

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  • ਤਦਪ ਖ਼ਾਲਸਾ ਜਸ ਤਹਿ ਗਾਊਂ ॥

    तदप ख़ालसा जस तहि गाऊं ॥

    Thadhap Khhalasa Jas Thehi Gaoon ||

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